अगर आप बैडमिंटन पसंद करते हैं या प्रोफेशनल बनना चाहते हैं, तो सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम रोज़ की ताज़ा ख़बरें, भारत‑विवरण और सुधार के आसान उपाय लाते हैं। पढ़िए, सीखिए और कोर्ट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दिखाइए।
भले ही सालों से भारत ने बड्डी, रेनू, सैफ़ी जैसे खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर चमकते देखा है, लेकिन इस साल की तैयारी अलग लग रही है। ट्रायथलन बैंड में कई युवा खिलाड़ियों ने क्वालिफ़ायर्स जीत लिए हैं। इसके अलावा, दिल्ली, पुणे और कोलकाता में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्तर के टूर्नामेंट्स में अक्सर स्टेट टीमों की भागीदारी देखी जाती है। यदि आप खेल के बड़े फैन हैं तो इन इवेंट्स का लाइव वीडियो यूट्यूब या DD Sports पर आसानी से देख सकते हैं।
सरकार की नई योजना ‘खेलो इंडिया’ के तहत स्कूली बच्चों को बैडमिंटन प्रशिक्षण मुफ्त में दिया जा रहा है। इससे अगले पाँच साल में हमारे पास और भी अधिक प्रतिभाशाली खिलाड़ी तैयार हो सकते हैं। साथ ही, प्री‑सेल्स पैकेज में बैनर वाले रैकेट और शट्ल्स का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुविधा मिल रही है।
कोर्ट पर जीतने के लिए सिर्फ रैकट की ताकत नहीं, बल्कि सही रणनीति और फिटनेस भी जरूरी है। सबसे पहले, अपनी फुटवर्क पर ध्यान दें। रोज़ 15‑20 मिनट तेज़ लैंडिंग और रिटर्न अभ्यास से पैरों की गति बढ़ती है। दूसरा, शॉट की सही पसंद—ड्रॉप, स्मैश या क्लियर—पर अभ्यास करें। छोटे-छोटे सत्रों में विभिन्न शॉट्स को दोहराने से मसल मेमोरी बनती है।
पोषण को नज़रअंदाज़ न करें। प्रोटीन‑रिच आहार जैसे दाल, अंडा और पनीर से मसल रीकवरी तेज़ होती है। हाइड्रेशन के लिए खेल से पहले और बाद में नींबू पानी या इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक लें। अगर आप शुरुआती हैं तो दिन में दो बार स्ट्रेचिंग और हल्की जिम वर्कआउट आपके गेम को स्थिर बनाएगा।
कपड़े और उपकरण भी काम को आसान बनाते हैं। हल्का, सांस लेने योग्य शर्ट और एंटी‑स्लिप जूते चुनें। रैकट का संतुलन आपके हाथ के आकार से मेल होना चाहिए—यदि आप दाहिने हाथ से खेलते हैं तो हल्का रैकट बेहतर कंट्रोल देता है।
अंत में, मैच की तैयारी में मानसिक फोकस जरूरी है। कुछ मिनटों की मेडिटेशन या गहरी साँसें लेने से तनाव कम होता है और कोर्ट पर तेज़ प्रतिक्रिया मिलती है। अपने कोच या साथी खिलाड़ी से फीडबैक ले कर लगातार सुधारते रहें।
तो अब जब आपके पास नवीनतम समाचार, खिलाड़ी अपडेट और आसान टिप्स हैं, तो देर न करें। अपना रूटीन सेट करें, अभ्यास पर टिके रहें और अगले बैडमिंटन टूर्नामेंट में खुद को चमकते देखें। आपके सफलता की कहानी यहीं से शुरू होती है।
कैरोलीना मारिन, 2016 की रियो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता, पेरिस 2024 ओलंपिक में घुटने की चोट के कारण महिला सिंगल्स बैडमिंटन सेमीफाइनल मुकाबले से वापसी करने पर मजबूर हो गईं। चोट के कारण वह मैच से बाहर हो गईं और उनकी स्वर्ण पदक की उम्मीदों पर पानी फिर गया।