जेल में बंद बीआरएस नेता के. कविता की तबियत बिगड़ी, दिल्ली के डी.डी.यू. अस्पताल में भर्ती

जेल में बंद बीआरएस नेता के. कविता की तबियत बिगड़ी, दिल्ली के डी.डी.यू. अस्पताल में भर्ती

जुलाई 17, 2024 shivam sharma

जेल में बंद की स्थिति

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को दिल्ली तिहाड़ जेल में रहते हुए स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें मंगलवार को दिल्ली स्थित दीन दयाल उपाध्याय (डी.डी.यू.) अस्पताल में भर्ती कराया गया। 46 वर्षीय कविता को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 मार्च को गिरफ्तार किया था।

कविता का कहना है कि राजनीति के दबाव में उनके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं और उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है। उन्होंने कई मौकों पर कहा कि वे निर्दोष हैं और उन्हें फंसाने की साजिश रची जा रही है। इस मामले से पहले भी उन्होंने अपने बयानों में कहा था कि उनके खिलाफ किसी भी प्रकार के सबूत नहीं है और उन्हें न्याय की उम्मीद है।

तिहाड़ जेल में किस तरह की व्यवस्था

तिहाड़ जेल की स्थिति और वहां की सुविधाओं को लेकर हमेशा से चर्चाएं होती रही हैं। विकट स्थितियों के बावजूद, कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का दावा है कि वहां सामान्य बंदियों के लिए भी समुचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।

तिहाड़ जेल में बंद कविता को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी मिलने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, कविता की हालत स्थिर है और उन्हें उचित उपचार मिल रहा है। डॉक्टरों की एक पूरी टीम उनकी निगरानी कर रही है।

मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप

मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप

कविता पर लगे आरोप केवल मनी लॉन्ड्रिंग तक सीमित नहीं हैं; उन्हें भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में भी घसीटा गया है। इससे उनके राजनीतिक करियर पर गहरा प्रभाव पड़ा है। 8 जुलाई को कविता ने दिल्ली की अदालत में 'डिफॉल्ट' जमानत की मांग की थी, जिसे अदालत ने 22 जुलाई तक स्थगित कर दिया। यह मामला दिल्ली एक्साइज नीति मूर्तिकरण से जुड़ा हुआ है, जिसमें कथित तौर पर आम आदमी पार्टी (AAP) को लाभ पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये का रिश्वत दिया गया था।

इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी तिहाड़ जेल में बंद हैं। दोनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया है और इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है।

सार्वजनिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

कविता की गिरफ्तारी और उनके स्वास्थ्य संबंधी खबरों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। बीआरएस के अनेक नेताओं ने इस गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है और इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाई है और कहा है कि यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने केंद्र सरकार पर राजनीतिक विरोधियों को धमकाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।

भविष्य की संभावनाएं

भविष्य की संभावनाएं

कविता के स्वास्थ्य में सुधार के बाद उनकी सुनवाई फिर से आरंभ की जाएगी। उनके वकील का मानना है कि उचित न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से कविता को राहत मिलेगी। उनकी टीम ने अदालत में सबूत पेश किए हैं और यह दावा किया है कि कविता को गलत तरीके से फंसाया गया है।

वर्तमान में कविता के स्वास्थ्य को लेकर उनके समर्थक चिंतित हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। इस स्थिति ने उनके राजनीतिक संघर्ष को और भी कठिन बना दिया है, लेकिन उनकी पार्टी और समर्थकों का समर्पण किसी भी नस में कमी नहीं लाया है।

19 Comments

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    Chirag Desai

    जुलाई 19, 2024 AT 06:21
    ये सब तो बस राजनीति का खेल है। जेल में बीमार हो रही हैं, लेकिन कोई नहीं सुनता।
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    Uday Teki

    जुलाई 19, 2024 AT 22:49
    उम्मीद है वो जल्दी ठीक हो जाएं ❤️
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    VIKASH KUMAR

    जुलाई 20, 2024 AT 22:48
    अरे भाई ये तो बस शो है! टीवी पर भी चल रहा है, लोग रो रहे हैं, फ्लैग लहरा रहे हैं, अब क्या होगा? 🤡
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    Vipin Nair

    जुलाई 21, 2024 AT 04:04
    संस्थाएं बर्बाद हो रही हैं जब एक व्यक्ति की तबियत बिगड़े तो उसे अस्पताल भेजने में देर हो जाए और फिर लोग न्याय की बात करें
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    Prerna Darda

    जुलाई 21, 2024 AT 22:35
    ये सिस्टम तो अब इंसानों को डिवाइस बना रहा है। बंदी का शरीर नहीं, उसका राजनीतिक प्रभाव डिलीट करना चाहते हैं। ये न्याय नहीं ये एक फाइल क्लीनिंग है।
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    Shubham Yerpude

    जुलाई 23, 2024 AT 10:54
    मैं नहीं मानता कि ये सब राजनीति है। ये सिर्फ एक नेता की निष्पक्ष जांच है। जो गलत करता है वो जेल जाता है। ये न्याय का नाम है।
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    Karan Chadda

    जुलाई 24, 2024 AT 20:25
    ये सब विपक्षी बहाने बना रहे हैं। जब तक भारत के खिलाफ कुछ नहीं होगा तब तक ये रोएंगे। भारत तो अभी भी शक्तिशाली है 🇮🇳
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    Hardeep Kaur

    जुलाई 25, 2024 AT 15:48
    इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि जेल में बीमार लोगों को तुरंत चिकित्सा मिले। ये कोई अपराधी नहीं, एक इंसान है। उसका अधिकार है।
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    Shivani Sinha

    जुलाई 26, 2024 AT 13:49
    राजनीति ये है कि जो बोलता है उसे गिरफ्तार कर देते हैं। अब तो बोलने का भी डर लग रहा है।
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    Abhi Patil

    जुलाई 26, 2024 AT 22:05
    यहाँ एक अधिकारिक रूप से जारी आरोपों के आधार पर एक नागरिक की गिरफ्तारी हुई है, जिसके बाद उसकी स्वास्थ्य स्थिति का निरीक्षण किया गया। यह एक न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है, और इसे राजनीतिक आधार पर नहीं देखा जाना चाहिए। जब तक कोई साबित नहीं होता, तब तक वह निर्दोष है, लेकिन जांच अवश्य चलनी चाहिए।
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    rohit majji

    जुलाई 27, 2024 AT 16:54
    bhai yeh sab bhi kuchh karna hai na? kya hamara desh abhi bhi ek democracy hai ya sirf ek show? 😔
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    Haizam Shah

    जुलाई 28, 2024 AT 02:46
    ये लोग तो बस बाहर आकर फिर से चलने की बात कर रहे हैं। अगर वो बर्बर हैं तो जेल में रहना ही चाहिए। ये बहाने बनाने का काम बंद करो।
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    Ira Burjak

    जुलाई 29, 2024 AT 21:17
    अरे यार, जब तक तुम्हारे पास बोलने का अधिकार नहीं है, तब तक तुम्हारी तबियत ठीक भी कैसे होगी? 😏
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    Abhijit Padhye

    जुलाई 31, 2024 AT 12:03
    ये सब तो पुरानी कहानी है। जब भी कोई बड़ा नेता गिरता है, तो लोग बोलते हैं कि ये राजनीतिक बदला है। लेकिन अगर सब नेता बर्बर हो गए तो क्या ये बर्बरता भी राजनीति है?
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    UMESH ANAND

    अगस्त 1, 2024 AT 18:14
    यह न्याय का परीक्षण है। किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह कोई भी हो, अपराध के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। न्याय बराबर होना चाहिए।
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    Shardul Tiurwadkar

    अगस्त 3, 2024 AT 11:51
    तुम लोग बस ये कह रहे हो कि जेल में बीमार हो रही हैं, लेकिन क्या तुमने कभी सोचा कि अगर वो असली अपराधी होती तो आज तुम ये बातें क्यों नहीं करते?
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    Rohan singh

    अगस्त 5, 2024 AT 03:29
    सबके लिए एक बात याद रखो - अगर न्याय असली है तो वो बराबर चलेगा। चाहे तुम नेता हो या बेचारा।
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    Rutuja Ghule

    अगस्त 6, 2024 AT 01:59
    ये सब बहाना है। जब तक तुम लोग अपने आप को बलिदानी नहीं बनाओगे, तब तक कोई नहीं सुनेगा। ये न्याय नहीं, ये नाटक है। और तुम सब इस नाटक के दर्शक हो।
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    Devi Rahmawati

    अगस्त 7, 2024 AT 23:13
    यदि एक नागरिक की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर है, तो उसके लिए उचित चिकित्सा एक मौलिक अधिकार है, चाहे वह किसी भी भूमिका में हो। इस बात को राजनीतिक रूप से नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से देखना चाहिए।

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