भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को दिल्ली तिहाड़ जेल में रहते हुए स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें मंगलवार को दिल्ली स्थित दीन दयाल उपाध्याय (डी.डी.यू.) अस्पताल में भर्ती कराया गया। 46 वर्षीय कविता को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 15 मार्च को गिरफ्तार किया था।
कविता का कहना है कि राजनीति के दबाव में उनके खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं और उन्हें जानबूझकर फंसाया जा रहा है। उन्होंने कई मौकों पर कहा कि वे निर्दोष हैं और उन्हें फंसाने की साजिश रची जा रही है। इस मामले से पहले भी उन्होंने अपने बयानों में कहा था कि उनके खिलाफ किसी भी प्रकार के सबूत नहीं है और उन्हें न्याय की उम्मीद है।
तिहाड़ जेल की स्थिति और वहां की सुविधाओं को लेकर हमेशा से चर्चाएं होती रही हैं। विकट स्थितियों के बावजूद, कुछ वरिष्ठ अधिकारियों का दावा है कि वहां सामान्य बंदियों के लिए भी समुचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
तिहाड़ जेल में बंद कविता को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी मिलने के बाद उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार, कविता की हालत स्थिर है और उन्हें उचित उपचार मिल रहा है। डॉक्टरों की एक पूरी टीम उनकी निगरानी कर रही है।
कविता पर लगे आरोप केवल मनी लॉन्ड्रिंग तक सीमित नहीं हैं; उन्हें भ्रष्टाचार के अन्य मामलों में भी घसीटा गया है। इससे उनके राजनीतिक करियर पर गहरा प्रभाव पड़ा है। 8 जुलाई को कविता ने दिल्ली की अदालत में 'डिफॉल्ट' जमानत की मांग की थी, जिसे अदालत ने 22 जुलाई तक स्थगित कर दिया। यह मामला दिल्ली एक्साइज नीति मूर्तिकरण से जुड़ा हुआ है, जिसमें कथित तौर पर आम आदमी पार्टी (AAP) को लाभ पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये का रिश्वत दिया गया था।
इस मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी तिहाड़ जेल में बंद हैं। दोनों ने अपने ऊपर लगे आरोपों को झूठा बताया है और इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है।
कविता की गिरफ्तारी और उनके स्वास्थ्य संबंधी खबरों ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। बीआरएस के अनेक नेताओं ने इस गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है और इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार विपक्षी नेताओं को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे को लेकर आवाज उठाई है और कहा है कि यह लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने केंद्र सरकार पर राजनीतिक विरोधियों को धमकाने और लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।
कविता के स्वास्थ्य में सुधार के बाद उनकी सुनवाई फिर से आरंभ की जाएगी। उनके वकील का मानना है कि उचित न्यायिक प्रक्रिया के माध्यम से कविता को राहत मिलेगी। उनकी टीम ने अदालत में सबूत पेश किए हैं और यह दावा किया है कि कविता को गलत तरीके से फंसाया गया है।
वर्तमान में कविता के स्वास्थ्य को लेकर उनके समर्थक चिंतित हैं और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। इस स्थिति ने उनके राजनीतिक संघर्ष को और भी कठिन बना दिया है, लेकिन उनकी पार्टी और समर्थकों का समर्पण किसी भी नस में कमी नहीं लाया है।