अंतर्राष्ट्रीय समाचार: G7 शिखर सम्मेलन में गर्भपात विवाद का सार

सरकार की बैठकों और कूटनीती में छोटे-छोटे शब्द बड़े असर डालते हैं। अभी अभी इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने G7 शिखर सम्मेलन के अंतिम बयान में ‘गर्भपात’ शब्द को नहीं रखा। इस बदलाव ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को नाराज़ कर दिया। चलिए, समझते हैं क्या हुआ और क्यों महत्वपूर्ण है।

क्या कहा गया और क्यों?

शिखर सम्मेलन का मुख्य मकसद आर्थिक सहयोग और सुरक्षा पर बात करना था। हालांकि, सदस्य देशों के बीच महिलाओं के अधिकारों को लेकर पहले ही बहस चल रही थी। मेलोनी ने कहा कि ‘गर्भपात’ शब्द का उल्लेख न होना एक सामान्य नीति है, यानी किसी विशेष मत को आगे नहीं बढ़ाया गया। इससे फ्रांस ने सवाल उठाया कि इस कदम से महिलाओं के स्वास्थ्य को कितना नुकसान हो सकता है।

फ्रांस की प्रतिक्रिया और अमेरिकी स्थिति

मैक्रों ने सार्वजनिक रूप से निराशा जताई। उन्होंने कहा, ‘अगर हम महिलाओं के अधिकारों को बात करने नहीं देंगे तो हमारी लोकतंत्र की नींव कमजोर हो जाएगी।’ इस बयान से पता चलता है कि फ्रांस इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लेता है। दूसरी ओर, अमेरिका ने अभी तक आधिकारिक टिप्पणी नहीं की, लेकिन अतीत में वह अक्सर प्रोजेक्टेड पॉलिसी के पक्ष में रहा है।

तो, इस समाचार का हमारे लिए क्या मतलब है? अगर आप सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों की समझ बहुत जरूरी है। कई प्रतियोगी परीक्षाओं में ‘वर्तमान घटनाक्रम’ सेक्शन में ऐसे विवाद पूछे जा सकते हैं। इसलिए, सिर्फ शीर्षक पढ़ना नहीं, बल्कि कारण‑वश कारण और विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाएँ भी याद रखें।

अंत में, इस तरह की खबरें हमें दिखाती हैं कि कैसे एक शब्द का चयन पूरी विदेश नीति को प्रभावित कर सकता है। अगर आप इस विषय पर और गहराई से पढ़ना चाहते हैं, तो पिछले साल के G7 सभाओं की रिपोर्ट और महिलाओं के अधिकारों पर अंतर्राष्ट्रीय अभिलेख देखें। इस तरह की जानकारी आपके नोट्स में हमेशा चमकेगी और परीक्षा में मदद करेगी।

G7 शिखर सम्मेलन में गर्भपात विवाद पर इटली की मेलोनी का बयान, फ्रांस के मैक्रों ने जताई निराशा
G7 शिखर सम्मेलन में गर्भपात विवाद पर इटली की मेलोनी का बयान, फ्रांस के मैक्रों ने जताई निराशा

इटली के प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने G7 शिखर सम्मेलन में गर्भपात पर विवाद को कमतर किया है। मेलोनी ने इस साल की बैठक के अंतिम बयान में 'गर्भपात' शब्द के उल्लेख न होने को सामान्य नीति बताया। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस अभाव पर निराशा व्यक्त की। यह विवाद इटली, फ्रांस और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संघर्ष का कारण बन गया।

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