ऑस्ट्रेलिया सिर्फ झीलों, समुद्र तटों और कांगारू का देश नहीं है। यहाँ पढ़ाई, काम, जीवनशैली और हर साल लाखों लोग नई शुरुआत करते हैं। अगर आप भी इस महाद्वीप की तरफ़ ध्यान दे रहे हैं, तो नीचे दी गई जानकारी आपके लिये बहुत काम आएगी।
ऑस्ट्रेलिया में विश्व‑प्रसिद्ध विश्वविद्यालय हैं – सिडनी, मेलबर्न, क्वीनसलैंड जैसे शहरों में कई कोर्स उपलब्ध हैं। स्नातक स्तर पर इनकी ट्यूशन फीस भारत की तुलना में ज़्यादा होती है, पर अक्सर स्कॉलरशिप या अंशकालिक नौकरियों से खर्च कम हो सकता है।
काम के लिए सबसे लोकप्रिय वीज़ा प्रोफेशनल स्ट्रॉन्ग स्किल्स (subclass 482) और ग्रेज़ुएट टेरिटरी वीज़ा (subclass 485) हैं। इन वीज़ा की मुख्य शर्तें हैं: मान्य डिग्री, नियोक्ता का साक्षर समर्थन और न्यूनतम वेतन मानक। यदि आपके पास IT, इंजीनियरिंग या हेल्थकेयर में कौशल है, तो नौकरी मिलने की संभावना अधिक रहती है।
पर्यटन के लिहाज से ऑस्ट्रेलिया में कई ‘must‑visit’ जगहें हैं – सिडनी ओपेरा हाउस, ग्रेट बैरियर रीफ़, उलुरु (एयरज़ रॉक) और टास्मानिया के वन्य‑जीव preserve। यात्रा की योजना बनाते समय मौसम का ध्यान रखें; दक्षिणी भाग में गर्मी (दिसंबर‑फरवरी) और उत्तरी भाग में सर्दी (जून‑अगस्त) रहती है।
स्थानीय लोग बहुत मिलनसार होते हैं और ‘ब्रुश‑इट‑अ-बारबेक्यू’ संस्कृति में मज़ा है। यात्रा के दौरान ट्रैफ़िक नियम, पर्यावरण सुरक्षा और स्थानीय परम्पराओं का सम्मान करना जरूरी है। सार्वजनिक परिवहन कई शहरों में विश्व‑स्तर का है, इसलिए निजी कार की बजाय ट्रेन या बस से घूमना आसान और किफ़ायती होता है।
ऑस्ट्रेलिया में रहने के दौरान सबसे बड़ा ध्येय है स्वास्थ्य बीमा (Medicare) या प्राइवेट हेल्थ प्लान को सुनिश्चित करना। नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवा मिलती है, पर विदेशी नागरिकों के लिए यह ज़्यादा महँगा हो सकता है। इसलिए बीमा करवाना आपके खर्च को स्थिर रखेगा।
खाना‑पीना भी यहाँ का खास आकर्षण है – पाव लोफ, मीट पाई और बेरी जाम की मीठी बातों का ज़िक्र न करें तो अधूरा रहेगा। यदि आप शाकाहारी हैं तो भी विकल्पों की भरमार है।
अंत में, ऑस्ट्रेलिया में रहने या यात्रा करने के लिये उचित योजना, सही वीज़ा और स्थानीय नियमों का पालन आवश्यक है। ऊपर दी गई जानकारी को अपने अगले कदम के रूप में ले लीजिये और इस खूबसूरत देश में अपने सपनों को साकार करने की दिशा में बढ़िये। आपका सवाल या अनुभव साझा करें, हम यहीं मदद करने के लिये हैं।
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर विल पुकोव्स्की ने लगातार कंसक्शन की घटनाओं के कारण 26 वर्ष की आयु में क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। चिकित्सीय विशेषज्ञों के पैनल की सिफारिश के बाद पुकोव्स्की ने यह निर्णय लिया। उनका करियर अनेक सिर की चोटों से प्रभावित रहा, जिनमें मार्च 2024 में शेफील्ड शील्ड मैच के दौरान हेमलेट पर चोट भी शामिल है।