अगर आप सरकारी नौकरी के वो पद चाहते हैं जो सीधे उच्चस्तरीय अधिकारियों के करीब हो, तो निजी सचिव एक बेहतरीन विकल्प है। निजी सचिव न केवल प्रशासनिक काम संभालता है, बल्कि नीति‑निर्माण में भी मदद करता है। इस लेख में हम निजी सचिव की भूमिका, भर्ती प्रक्रिया और तैयारी के ठोस कदमों को आसान भाषा में समझेंगे।
निजी सचिव मुख्यतः किसी वरिष्ठ अधिकारी या मंत्री के हाथ‑बाँध काम करता है। उसके काम में मीटिंग शेड्यूल बनाना, दस्तावेज़ तैयार करना, रिपोर्ट का सारांश तैयार करना और महत्वपूर्ण निर्णयों की फॉलो‑अप शामिल है। कभी‑कभी उसे सरकारी आदेशों की निपटान, फाइलिंग और संचार में भी दखल देना पड़ता है। इन सभी कामों को सही समय पर और बिना गलती के करना जरूरी है, इसलिए व्यक्तिगत अनुशासन और तेज़ निर्णय क्षमता इस नौकरी की मुख्य मांगें हैं।
जब आप निजी सचिव बनते हैं, तो आपको विभिन्न विभागों के बीच समन्वय करना पड़ता है। इसलिए आपको अलग‑अलग विभागों की कार्यशैली, नियम‑कानून और प्रोसेस की समझ भी होनी चाहिए। यह अनुभव आगे चलकर उच्च प्रशासनिक पदों की दिशा में आपका मार्ग प्रशस्त करता है।
निजी सचिव पद के लिए अधिकांश समय आयु भर के सरकारी भर्ती बोर्ड (जैसे UPSC, राज्य सार्वजनिक सेवा आयोग) आयोजित करते हैं। परीक्षा में तीन मुख्य चरण होते हैं – लिखित परीक्षा, लिखित टेस्ट (आर्टिक्ल्स/लेख) और इंटरव्यू। नीचे कुछ प्रभावी तैयारी टिप्स दी गई हैं:
इन टिप्स को रोज़ाना लागू करने से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और परीक्षा के हर चरण में आप बेहतर परफ़ॉर्म करेंगे। याद रखें, निरंतरता और सही दिशा में मेहनत ही सफलता की कुंजी है।
अगर आप अभी भी सोच रहे हैं कि इस पद को चुनना चाहिए या नहीं, तो एक बात जरूर समझें – निजी सचिव बनना आपके करियर को एक तेज़ उछाल देता है। यह न केवल एक स्थिर सरकारी नौकरी है, बल्कि भविष्य में उच्च प्रशासनिक या नीति‑निर्माण के दरवाजे खोलता है। तो देर कब तक? अपना प्लान बनाएं, तैयारी शुरू करें और इस साल के भर्ती चक्र में अपने लक्ष्य को हासिल करें।
भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी निधि तिवारी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई विशेष सचिव नियुक्त किया गया है। वाराणसी की निवासी और 2014 बैच की अधिकारी तिवारी ने पहले पीएमओ में विदेशी और सुरक्षा मामलों के तहत अपनी सेवाएँ दी थी। उनकी इस नियुक्ति को महिला प्रतिनिधित्व के बढ़ाव के रूप में देखा जा रहा है।