चक्रवात डाना: पूरी जानकारी और तैयारियों का गाइड

अगर आप भी मौसम की खबरों को फॉलो करते हैं तो शायद आपने "चक्रवात डाना" का नाम सुना होगा। यह बुखारा कई बार तट के नजदीक घुसा है और भारी बारिश, तेज हवाओं और बाढ़ का कारण बनता है। इस लेख में हम समझेंगे कि डाना कब और कहां असर करेगा और आप कैसे सुरक्षित रह सकते हैं।

डाना का इतिहास और वर्तमान स्थिति

डाना पहली बार 2020 में बंगाल की खाड़ी में बनकर आया था। तब से इसे तीन‑चार बार पुनः सक्रियता मिली है, हर बार भारत या बांग्लादेश के तट के पास रहकर गड़बड़ी पैदा की है। मौसम विभाग ने अभी भी इस बुखारे को ‘सुपर सिंक्लोन’ कहा है, यानी बारिश और हवा दोनों में तेज़ी। जब डाना के केंद्र में दबाव कम होता है, तो चारों तरफ हवा तेज़ी से घूमती है, जिससे पेड़ टूटते हैं, बिजली कटती है और सड़कों में पानी भर जाता है।

डाना से बचाव के आसान टिप्स

सबसे पहले अपने घर के आसपास साफ‑सफाई रखें। बगीचे की पत्तियां, कूड़ा‑कर्कट या पुराने प्लास्टिक इकट्ठा करके हटा दें, ताकि बाढ़ आने पर बहते पानी में ये चीजें रोड़े न बनें। दूसरा, अपने परिवार के साथ एक आपातकालीन किट तैयार रखें – टॉर्च, बैटरियां, बस पानी, डिब्बाबंद खाना, और जरूरी दवाइयाँ। तीसरा, मोबाइल पर मौसम अलर्ट सेट कर रखें। मौसम विभाग के ऐप या एसएमएस सेवा से आप तुरंत पता लगा सकते हैं कि डाना कितनी दूरी तक पहुंच रहा है।

अगर बाढ़ की संभावना है तो घर के नीचे के इलेक्ट्रॉनिक सामान ऊपर रख दें और फ़र्नीचर को दीवार से हटाकर सुरक्षित जगह पर रखें। बड़े पैनल या खिड़कियों को तरल प्लास्टिक से कवर कर दें, ताकि तेज़ हवाओं से टूटने से बचा जा सके। जलभराव का डर हो तो सिलेन्डर वाली रसोई के पाइप या नाली को साफ़ रखें, ताकि पानी जल्दी निकल जाए।

सड़क पर यात्रा करने वाले लोगों को चाहिए कि वे हाईवे या बड़े पुलों से गुजरने से बचें। अगर मौसम विभाग ने तेज़ हवा की चेतावनी दी है तो बाहर निकलना सिर्फ़ आवश्यकता तक ही सीमित रखें। कई बार स्कूल और सरकारी संस्थान भी बाढ़ के कारण बंद हो जाते हैं, इसलिए परीक्षा की तारीख या ग्रेडिंग के अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट या हेल्पलाइन पर नजर रखें।

डाना के दौरान स्थानीय प्रशासन अक्सर फ्री आश्रय स्थल स्थापित करता है। इन जगहों पर जा कर आप सगाई से रहने वाले लोगों की मदद कर सकते हैं या खुद सुरक्षित रह सकते हैं। आश्रय स्थल की सूची और उनका पता आमतौर पर पुलिस थाने या नगरपालिका कार्यालय में उपलब्ध रहता है।

अगर आप फस जाएं तो शांत रहें और आसपास के लोगों से मदद माँगें। फायर एक्स्टिंगिशर, रफ़्तार से चलने वाली मोटरबाइक या गाड़ी के बजाय पैदल चलना ज्यादा सुरक्षित हो सकता है, क्योंकि सड़क पर गाड़ी चलाने से गड़बड़ी बढ़ती है।

डाना जैसे चक्रवातों का असर केवल बारिश तक सीमित नहीं रहता, कभी‑कभी खेती के लिए भी लाभदायक होता है। अगर आप किसान हैं तो उचित समय पर फसल बोने या बची हुई फसल को सुरक्षित रखने के उपाय अपनाएँ।

अंत में, याद रखें कि सबसे बड़ी सुरक्षा तैयारी ही है। मौसम विभाग की जानकारी को नजरअंदाज़ न करें, अपने घर को मजबूत बनाएं और जरुरी समान रखकर आप किसी भी आपदा को आसान बना सकते हैं। चक्रवात डाना चाहे कितना भी ताकतवर हो, आप सही कदम उठाकर सुरक्षित रह सकते हैं।

ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश: चक्रवात डाना के प्रभाव का पूर्वानुमान
ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश: चक्रवात डाना के प्रभाव का पूर्वानुमान

चक्रवात डाना बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा है और 23 अक्टूबर तक इसका प्रभाव देखने को मिलेगा। ओडिशा के पुरी, खुर्दा, गंजाम और जगतसिंहपुर जिलों में भारी बारिश की संभावना है। पश्चिम बंगाल और उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में भी भारी बारिश की संभावना है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।

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