भारतीय क्रिकेट में जब बात विस्मृत क्षणों की होती है, तो करण नायर का नाम निश्चित रूप से उसमें शामिल होता है। यह वह खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एक बार मैदान पर वो जलवा दिखाया था, जो केवल अत्यंत प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के बस की ही बात होती है। जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2016 में तिहरा शतक ठोका था, तब सभी को उम्मीद थी कि वो भारतीय टेस्ट टीम के लिए एक स्थाई चेहरा होंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ। 2017 के बाद से करण भारतीय टीम से गायब हो गए।
इस गूढ़ता ने क्रिकेट समीक्षकों और प्रशंसकों के बीच कई सवाल उठाए। आखिर क्यों ऐसा हुआ? उन सवालों का एक हिस्सा अब विराट कोहली के पूर्व साथी ने समझाया है। उनका कहना है कि चयन की प्रक्रिया के पीछे जो तर्क थे, वो कहीं न कहीं रवींद्र अश्विन के साथ हुए वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के दौरान के नजरियों जैसे थे। ये बताता है कि कैसे कुछ निर्णय केवल खेल पर नहीं, बल्कि राजनीति और चयन समिति के व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर भी आधारित होते हैं।
हाल ही में, करण नायर ने विजय हजारे ट्रॉफी में 664 रन बनाकर चार लगातार शतक हासिल किए, जो इस प्रारूप में दूसरा सबसे अधिक है। इस प्रदर्शन ने उन्हें फिर से चयनकर्ताओं की सूची में ला खड़ा किया है। नायर का यह दौर बात करता है कि कैसे वे क्रिकेट के अपने जुनून और कड़ी मेहनत से वापसी की कोशिश कर रहे हैं।
नायर की इस नई यात्रा के पीछे की कहानी भी प्रेरणादायक है। जब भारतीय टीम के चयन से नायर दूर हो गए, तब उन्होंने बैंगलोर के जस्ट क्रिकेट अकादमी में अपना ध्यान केंद्रित किया। यहां पर वे कोच विजय माड्यालकर के निर्देशन में लंबे घंटों तक बल्लेबाजी का अभ्यास करते रहे। गौरतलब है कि बिना टीम के, उन्हें विदर्भ के साथ खेलने का मौका दिलाने में अभय कुरुविला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस मौके ने उनके करियर को नई दिशा दी।
इस यात्रा में नायर का काउंटी क्रिकेट का सफर भी शामिल है। नार्थैम्पटनशायर के साथ 2023 का काउंटी सीजन और रणजी ट्रॉफी का दमदार प्रदर्शन उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुआ। रणजी ट्रॉफी में उन्होंने 10 मैचों में 690 रन जुटाए। विजय हजारे ट्रॉफी में उनकी फॉर्म ने सूची ए क्रिकेट में लगातार मैचों में सबसे अधिक रनों के लिए एक विश्व रिकॉर्ड बना दिया।
अब जब भारत क्रिकेट के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है और रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे उच्च स्तरीय खिलाड़ी टेस्ट में फॉर्म के संकट से गुजर रहे हैं, नायर की वापसी के संकेत मिल रहे हैं। रूचि रखने वाले चयनकर्ता, अजित अगरकर के नेतृत्व में, उनकी ओर ध्यान दे रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी या इंग्लैंड के टेस्ट दौरों के लिए टीम में शामिल किया जा सकता है।
नायर की बातों में भी राष्ट्रीय टीम के लिए फिर से टेस्ट खेलने की ललक स्पष्ट है। उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि वे लगातार प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं और चयनकर्ताओं की नजरों में फिर से स्थायी जगह पाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।