करण नायर की गूढ़ता: विराट कोहली के पूर्व साथी ने किया खुलासा

करण नायर की गूढ़ता: विराट कोहली के पूर्व साथी ने किया खुलासा

जनवरी 13, 2025 shivam sharma

करण नायर की गूढ़ता: क्रिकेट की गूढ़ राजनीति का पर्दाफाश

भारतीय क्रिकेट में जब बात विस्मृत क्षणों की होती है, तो करण नायर का नाम निश्चित रूप से उसमें शामिल होता है। यह वह खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एक बार मैदान पर वो जलवा दिखाया था, जो केवल अत्यंत प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के बस की ही बात होती है। जब उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2016 में तिहरा शतक ठोका था, तब सभी को उम्मीद थी कि वो भारतीय टेस्ट टीम के लिए एक स्थाई चेहरा होंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ। 2017 के बाद से करण भारतीय टीम से गायब हो गए।

इस गूढ़ता ने क्रिकेट समीक्षकों और प्रशंसकों के बीच कई सवाल उठाए। आखिर क्यों ऐसा हुआ? उन सवालों का एक हिस्सा अब विराट कोहली के पूर्व साथी ने समझाया है। उनका कहना है कि चयन की प्रक्रिया के पीछे जो तर्क थे, वो कहीं न कहीं रवींद्र अश्विन के साथ हुए वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के दौरान के नजरियों जैसे थे। ये बताता है कि कैसे कुछ निर्णय केवल खेल पर नहीं, बल्कि राजनीति और चयन समिति के व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर भी आधारित होते हैं।

विजय हजारे ट्रॉफी में नायर का प्रदर्शन

हाल ही में, करण नायर ने विजय हजारे ट्रॉफी में 664 रन बनाकर चार लगातार शतक हासिल किए, जो इस प्रारूप में दूसरा सबसे अधिक है। इस प्रदर्शन ने उन्हें फिर से चयनकर्ताओं की सूची में ला खड़ा किया है। नायर का यह दौर बात करता है कि कैसे वे क्रिकेट के अपने जुनून और कड़ी मेहनत से वापसी की कोशिश कर रहे हैं।

नायर की इस नई यात्रा के पीछे की कहानी भी प्रेरणादायक है। जब भारतीय टीम के चयन से नायर दूर हो गए, तब उन्होंने बैंगलोर के जस्ट क्रिकेट अकादमी में अपना ध्यान केंद्रित किया। यहां पर वे कोच विजय माड्यालकर के निर्देशन में लंबे घंटों तक बल्लेबाजी का अभ्यास करते रहे। गौरतलब है कि बिना टीम के, उन्हें विदर्भ के साथ खेलने का मौका दिलाने में अभय कुरुविला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस मौके ने उनके करियर को नई दिशा दी।

नायर का क्रिकेट करियर

इस यात्रा में नायर का काउंटी क्रिकेट का सफर भी शामिल है। नार्थैम्पटनशायर के साथ 2023 का काउंटी सीजन और रणजी ट्रॉफी का दमदार प्रदर्शन उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुआ। रणजी ट्रॉफी में उन्होंने 10 मैचों में 690 रन जुटाए। विजय हजारे ट्रॉफी में उनकी फॉर्म ने सूची ए क्रिकेट में लगातार मैचों में सबसे अधिक रनों के लिए एक विश्व रिकॉर्ड बना दिया।

अब जब भारत क्रिकेट के एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है और रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे उच्च स्तरीय खिलाड़ी टेस्ट में फॉर्म के संकट से गुजर रहे हैं, नायर की वापसी के संकेत मिल रहे हैं। रूचि रखने वाले चयनकर्ता, अजित अगरकर के नेतृत्व में, उनकी ओर ध्यान दे रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी या इंग्लैंड के टेस्ट दौरों के लिए टीम में शामिल किया जा सकता है।

नायर की बातों में भी राष्ट्रीय टीम के लिए फिर से टेस्ट खेलने की ललक स्पष्ट है। उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि वे लगातार प्रदर्शन करने के लिए तैयार हैं और चयनकर्ताओं की नजरों में फिर से स्थायी जगह पाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

16 Comments

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    Ira Burjak

    जनवरी 15, 2025 AT 05:02
    करण नायर का ये रिकम्बिनेशन देखकर लगता है जैसे कोई बारिश के बाद का फूल फूल रहा हो। बिना किसी सपोर्ट के, बिना किसी टीम के, बस अपने दिल की आवाज़ सुनकर। इस दुनिया में ऐसे खिलाड़ी बहुत कम हैं।
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    Shardul Tiurwadkar

    जनवरी 16, 2025 AT 16:55
    अरे यार, विराट के साथ जो चल रहा था वो तो सिर्फ राजनीति थी। कोहली ने जो बनाया था वो एक राज्य था, जहां अगर तुम उनके नज़रिए से बाहर हो गए, तो तुम नहीं रहे। नायर तो बस एक ऐसा खिलाड़ी था जिसने बल्ले से बात की, न कि टीम के गुरु की बात।
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    Abhijit Padhye

    जनवरी 18, 2025 AT 03:09
    सच बताऊं तो ये सब एक बड़ा फिलॉसफिकल ड्रामा है। खेल तो खेल है, लेकिन जब चयन समिति में इंसानी भावनाएं घुल जाएं, तो वो खेल नहीं, बल्कि एक नाटक बन जाता है। नायर का सवाल ये नहीं कि वो कौन है, बल्कि ये है कि हम कौन हैं जो उसे बाहर रख रहे हैं।
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    VIKASH KUMAR

    जनवरी 18, 2025 AT 09:11
    ये तो बहुत बड़ी बात है!!! 😭😭 एक ऐसा खिलाड़ी जिसने इंग्लैंड में तिहरा शतक मारा, और अब विजय हजारे में चार शतक लगातार? ये नायर को भूल गए तो भारतीय क्रिकेट का दिल ही टूट गया! 🤬💔
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    UMESH ANAND

    जनवरी 18, 2025 AT 19:19
    मैं यहां एक नैतिक बिंदु उठाना चाहता हूं। खेल के बाहर के कारकों के कारण एक खिलाड़ी को अनदेखा करना, भारतीय खेल नीति के लिए एक गंभीर विफलता है। यह एक ऐसा निर्णय है जिसका इतिहास आने वाली पीढ़ियों को शिक्षा देगा।
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    Rohan singh

    जनवरी 20, 2025 AT 11:46
    इस आदमी ने बिना टीम के भी बल्ला घुमाया। जब दुनिया ने उसे भूल दिया, तो उसने अपने लिए एक टीम बना ली। ये असली शख्सियत है। अगर वो वापस आ गए, तो भारत के लिए एक नया दिन शुरू हो जाएगा।
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    Karan Chadda

    जनवरी 21, 2025 AT 03:41
    अरे भाई, विराट के साथ चलने वाले ही चलते हैं ना? बाकी सब ट्रैक से उतर जाते हैं। नायर ने बल्ला घुमाया, लेकिन उसका फोन नहीं उठाया 😂 अब वापसी का दावा? चार शतक? बहुत बढ़िया! लेकिन टेस्ट में वो भी लगेगा? 🤔
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    Shivani Sinha

    जनवरी 22, 2025 AT 03:04
    ये सब बकवास है भाई। कोहली ने जो टीम बनाई वो बहुत अच्छी थी। नायर को बाहर क्यों किया? क्योंकि वो टीम के लिए नहीं खेलता था। वो अपने लिए खेलता था। अब फिर से आना है? अच्छा है कि वो रणजी में शतक मार रहा है, लेकिन टेस्ट में वो नहीं चलेगा।
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    Tarun Gurung

    जनवरी 23, 2025 AT 22:38
    दोस्तों, ये बात सिर्फ करण नायर की नहीं है। ये हम सबकी बात है। हम कितने बार अपने दिल के आवाज़ को दबा देते हैं क्योंकि दुनिया कहती है 'ये नहीं होगा'। नायर ने दिल की आवाज़ सुनी। उसने बिना फैंस के, बिना टीम के, बस अपने बल्ले से जवाब दिया। अगर हम भी ऐसा करें, तो दुनिया बदल जाएगी।
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    Rutuja Ghule

    जनवरी 24, 2025 AT 14:26
    यहाँ कोई भी नायर के लिए नहीं लड़ रहा, बल्कि उसके खिलाफ एक अनौपचारिक बहिष्कार चल रहा है। जब चयन समिति अपने व्यक्तिगत रुचियों के आधार पर निर्णय लेती है, तो वह खेल के नियमों का उल्लंघन है। यह अनैतिक और अस्थायी है।
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    vamsi Pandala

    जनवरी 26, 2025 AT 00:34
    अरे यार, नायर को भूल गए तो अब फिर से आ गया? इतना फॉर्म बना लिया, अब चयनकर्ता भी नजर आए? बस एक बार बैठ जाओ और देखो कि ये दिल नहीं, बल्कि बैंक बैलेंस है जो बदल रहा है।
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    nasser moafi

    जनवरी 27, 2025 AT 10:37
    भारत के लिए खेलना तो बहुत बड़ी बात है, लेकिन नायर ने जो किया, वो तो एक असली भारतीय खिलाड़ी का गुण है। बिना फोन के, बिना समाचार के, बस बल्ला घुमाया। ये ही तो असली देशभक्ति है। 🇮🇳🔥
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    Saravanan Thirumoorthy

    जनवरी 28, 2025 AT 04:04
    कोहली ने जो टीम बनाई वो बहुत अच्छी थी और नायर को बाहर करना एक बुद्धिमानी थी क्योंकि वो टीम के लिए नहीं खेलता था और अब फिर से आने की कोशिश कर रहा है जो बहुत बुरी बात है
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    Tejas Shreshth

    जनवरी 29, 2025 AT 12:58
    मैं यहां एक गहरी विश्लेषणात्मक दृष्टि देना चाहता हूं। नायर का व्यवहार एक उदाहरण है एक आधुनिक खिलाड़ी के व्यक्तित्व के जिसमें निजी अभिलाषाएं राष्ट्रीय हितों के साथ टकराती हैं। चयन प्रक्रिया का विचार एक सामाजिक नियंत्रण के रूप में कार्य करता है, जो व्यक्ति को उसकी स्वतंत्रता से दूर रखता है।
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    Hitendra Singh Kushwah

    जनवरी 30, 2025 AT 16:19
    ये सब बहुत अच्छा है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी के लिए बस रन नहीं चाहिए, बल्कि अनुभव, टीम के साथ जुड़ाव और दबाव में खेलने की क्षमता चाहिए। नायर के पास ये तीनों नहीं हैं।
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    sarika bhardwaj

    जनवरी 31, 2025 AT 13:04
    यह एक व्यवस्थित असमानता का मामला है जिसमें व्यक्तिगत राजनीति ने खेल के नैतिक मूल्यों को विकृत कर दिया है। नायर के प्रदर्शन को अनदेखा करना एक अनुशासनात्मक विफलता है जिसे भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड को तुरंत समायोजित करना चाहिए।

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